पल्लेकल, श्रीलंका के खिलाफ पल्लेकल में भारत और श्रीलंका के बीच हुए दूसरे वनडे मैच में भारत ने रोमांचक तरीके से श्रीलंका को 3 विकेट से हरा दिया। हालांकि, इस मैच में भारतीय टीम के साथ ही इस जीत में अहम भूमिका निभाने वाले बल्लेबाज महेंद्र सिंह धौनी की किस्मत भी खासी अच्छी रही।
22 रनों के अंदर 7 विकेट गंवाने वाली टीम इंडिया के लिए मैच में एक ऐसा लम्हा भी आया, जिससे वह मैच गंवा सकती थी। यह लम्हा था महेंद्र सिंह धौनी का ‘विकेट’। विश्वा फर्नान्डो ने मैच के 35वें ओवर में धौनी को ‘बोल्ड’ कर दिया था। फर्नान्डो के इस ओवर की तीसरी गेंद धौनी के बैट और पैरों के बीच से होकर सीधे स्टंप पर जाकर लगी थी, लेकिन बावजूद इसके धोनी आउट नहीं दिए गए।
हालांकि, यह गेंद न तो नो बॉल थी और न ही डेड बॉल। बावजूद इसके धौनी को बोल्ड करार इसलिए नहीं दिया गया, क्योंकि गेंद के स्टंप से टकराने के बावजूद स्टंप रखीं बेल्स नहीं गिरी। स्टंप में लगे माइक्रोफोन में स्टंप से गेंद टकराने की आवाज भी रिकॉर्ड हुई। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से स्टंप पर रखीं बेल्स नहीं गिरी। उस समय धौनी 29 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे और मुश्किल में फंसी टीम इंडिया को जीत के लिए 59 रन और चाहिए थे।
अगर धौनी आउट हो जाते तो भारत यहां से मैच गंवा सकता था, क्योंकि इसके बाद बल्लेबाजी के लिए केवल गेंदबाज ही बचे थे।
क्रिकेट के नियमों के मुताबिक जब तक बेल्स स्टंप से नीचे नहीं गिरेगी खिलाड़ी को आउट करार नहीं दिया जा सकता। इस जीवनदान के बाद धौनी ने कोई गलती नहीं की और भुवनेश्वर कुमार के साथ मिलकर 100 रनों की नाबाद साझेदारी की और भारत को जीत दिलाकर ही माने।