सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक को लेकर आए ऐतिहासिक फैसले से देशभर की मुस्लिम महिलाओं में खुशी की लहर है। लेकिन इसके साथ ही उनकी सरकार और अदालत से उम्मीदें बढ़ गईं हैं। तीन तलाक पर फैसले के बाद अब देश में महिलाओं के खतना के खिलाफ आवाज उठने लगी है।
खबरों के अनुसार मुस्लिम महिलाओं ने पीएम मोदी के चिट्ठी लिखकर अपील की है कि अब देश में महिलाओं के खतना और हलाला जैसी कुप्रथाओं को भी बंद किया जाना चाहिए। महिलाओं का कहना है कि यह एक ऐसी कुप्रथा है जिससे ना सिर्फ महिलाओं का मानसिक संतुलन बिगड़ता है बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। जो इससे बच जाती हैं उनके साथ इससे जड़ी दर्दभरी यादें जिंदगी भर रहतीं हैं।
खबरों के अनुसार बोहरा समुदाय की मासूमा रानाल्वी ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि आजादी वाले दिन आपने जब मुस्लिम महिलाओं के दर्द और दुखों का जिक्र लालकिले के प्राचीर से किया था, तो उसे देख-सुनकर काफी अच्छा लगा था। हम मुस्लिम औरतों को तब तक पूरी आजादी नहीं मिल सकती जब तक हमारा बलात्कार होता रहेगा, हमें संस्कृति, परंपरा और धर्म के नाम पर प्रताड़ित किया जाता रहेगा।
तीन तलाक एक गुनाह है लेकिन इस देश की औरतों की सिर्फ यही एक समस्या नहीं है। मैं आपको औरतों के साथ होने वाले खतने के बारे में बताना चाहती हूं, जो छोटी बच्चियों के साथ किया जाता है।