गाजियाबाद। नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले लगभग तीन महीनों से यूपी गेट पर आंदोलन कर रहे है। तीन महीनों की सर्दी के बाद धीरे धीरे अब मौसम बदल रहा है साथ ही साथ लगातार गर्मी भी अपने तेवर दिखाने लगी है। लेकिन किसानों और सरकार के बीच तनाव अभी भी जारी है। इस तनाव को देखते हुए लग रहा है कि अभी आंदोलन ओर लंबा चलेगा। आंदोलन को लंबा चलता देख और दूसरी और लगातार बढ़ती गर्मी को देखते हुए किसानों ने गर्मी से बचने के लिए जरूरी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस क्रम में जहां एक और किसानों द्वारा आंदोलन स्थल पर पंखा और बिजली की व्यवस्था करने के लिए आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर आंदोलन स्थल पर किसान झोपड़ियां बनाने की तैयारी भी कर रहे हैं। इसी बीच हरियाणा के रोहतक से आई एक चलती फिरती झोपड़ी आंदोलन स्थल पर लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही है। झोपड़ी लेकर आए अमन सिगरोह ने बताया कि कृषि कानूनों के विरोध में देश की आम जनता और किसानों में जागृति लाने के लिए वह अपने छह अन्य साथियों के साथ पूरे एनसीआर में भ्रमण कर रहे हैं। आंदोलन स्थल पर पहुंची चलती फिरती झोपड़ी पूरी तरह हाईटेक है। झोपड़ी में विद्युत आपूर्ति के लिए सोलर पैनल भी लगाया गया साथ ही पंखे और साउंड सिस्टम की व्यवस्था की गई है। अमन ने कहा कि जब तक सरकार एमएसपी को कानूनी दर्जा और नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।
कैलिफ़ोर्निया से यूपी गेट किसान आंदोलन में पहुंची मदद

किसान आंदोलन लगभग 3 महीने से निरंतर जारी है ऐसे में कई संस्थान संगठन किसानों की सहायता करने के लिए आगे आ रहे हैं इस कड़ी में एनआरआई कम्युनिटी ऑफ लॉस एंजेलिस कैलिफ़ोर्निया द्वारा किसानों को मदद भेजी गई है। मदद पहुचने यूपी गेट पहुचे नरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके गांव और परिवार के बच्चे जो अमेरिका सहित दुनिया के दूसरे कोनो में रह रहे है वे किसानों की मदद के लिए अपनी नेक कमाई से सहायता भेज रहे है। इस कड़ी में सिंघु बॉर्डर टिकरी बॉर्डर और यूपी गेट पर पानी और इकोफ्रेंडली डिस्पोजल बर्तन सप्लाई कर की जारही है। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा तब तक उनकी तरफ से यह सप्लाई जारी रहेगी।
महिलाओं ने संभाली अनशन की कमान

यूपी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन पिछले ढाई महीने से किसान लगातार क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। ऐसे में आज अनशन की कमान महिला किसानों ने संभाली इस दौरान सुबह 8:00 बजे 11 महिलाएं 24 घंटे के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं। इस दौरान महिला किसानों का कहना था कि भारतीय कृषि में महिलाओं का योगदान आधे के बराबर है। ऐसे में नए कृषि कानून महिला किसानों को भी पूरी तरह प्रभावित करते हैं। हम सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द ने कृषि कानूनों को समाप्त कर कृषि विशेषज्ञ वह किसान नेताओं के साथ वार्ता कर किसानों के हित में एक नई योजना तैयार करें।
कंट्रोल रूम और आईटी सेल बनाने की तैयारी में जुटे किसान

पिछले लगभग 3 महीने से किसान ने खुशी कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर डेरा जमाए बैठे हैं। अब किसानों ने अपनी मांगों और आंदोलन की स्थिति आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए आईटी सेल बनाने की तैयारी में जुटे है। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था और असमाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए पूरे आंदोलन स्थल को सीसीटीवी कैमरों की जद में लाने के लिए तैयारी भी तेज कर दी गई है।इसके लिए किसानों द्वारा आंदोलन स्थल पर बने मीडिया सेंटर में एक कंट्रोल रूम भी बनाया जा रहा है जो जल्द ही कार्य करना शुरू कर देगा।