नई दिल्ली । भारत का न्यूजीलैंड दौरा गहरे जख्म के साथ खत्म हुआ. टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 टीम के ‘दयनीय’ प्रदर्शन ने भारतीय प्रशंसकों को हिला कर रख दिया. टेस्ट सीरीज से पहले किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि टीम इंडिया कीवियों के खिलाफ 0-2 से सीरीज गंवा देगी. वेलिंग्टन टेस्ट 3 दिन और कुछ घंटों में और इसके बाद क्राइस्टचर्च टेस्ट महज 2 दिन और कुछ घंटों में गंवा देना भारतीय क्रिकेट के फैंस को और न ही पूर्व भारतीय क्रिकेटरों को अच्छा लगा.
अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए मशहूर पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी भी भारतीय टीम की इस दुर्गति पर हैरान हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा- ‘क्या कोई बता सकता है कि न्यूजीलैंड ने दुनिया की नंबर एक टीम पर पूरी तरह से दबदबा कैसे बनाया? मैं सही कारण नहीं समझ पा रहा हूं. क्या किसी व्यक्ति को अपमानित किए बगैर कोई मेरी मदद कर सकता है..?’
… लेकिन 30 साल पहले यानी 1990 में न्यूजीलैंड दौरे में भारत की हार पर बिशन सिंह बेदी का बेहद खफा हुए थे. उस दौरे पर बेदी टीम के मैनेजर के तौर पर वहां गए थे. तब हार से बौखलाए बेदी खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाए थे और मैनेजर के तौर पर उन्होंने जो कहा वो ‘हेडलाइन’ बनी थी.
क्या हुआ था 1990 के न्यूजीलैंड दौरे में..?
तब मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारतीय टीम ने टेस्ट सीरीज 1-0 शून्य से गंवाई था. 3 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला टेस्ट क्राइस्टचर्च में खेला गया था और टेस्ट में न्यूजीलैंड ने भारत को 10 विकेट से रौंदा था. इसके बाद उसी दौरे में रॉथमेंस कप त्रिकोणीय वनडे सीरीज (भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) में भारत को करारी शिकस्त मिली थी.
भारत की हार के बाद बिशन सिंह बेदी इस कदर गुस्सा हुए कि उन्होंने पूरी टीम को प्रशांत महासागर में डुबो देने की बात कह डाली थी. उनका कहना था कि भारतीय टीम को वतन लौटते समय समंदर में डुबो देना चाहिए.
… 3 मार्च का वो दिन
दरअसल, आज ही के दिन 20 साल पहले 3 मार्च को बिशन सिंह बेदी को गुस्सा चरम पर पहुंच गया था, जब उस दौरे की ट्राई सीरीज के दौरान भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 188 रनों के मामूली टारगेट का पीछा करते हुए महज 169 रनों पर ढेर हो गई थी. उस ट्राई सीरीज में भारत को 4 में से 3 मुकाबलों में हार मिली थी. सिर्फ एक मैच में जीत मिल पाई थी और वो भी सिर्फ एक रन से.
1990 के न्यूजीलैंड दौरे में कप्तान अजहरुद्दीन के अलावा कपिल देव, दिलीप वेंगसरकर, नवजोत सिंह सिद्धू, संजय मांजरेकर, मनोज प्रभाकर, नवोदित सचिन तेंदुलकर, किरण मोरे, वेंकटपति राजू, नरेंद्र हिरवानी जैसे खिलाड़ी थे.